चक्र उपचार

समग्र कल्याण के लिए ऊर्जा संरेखण की शक्ति का उपयोग करना

चक्र उपचार

मानव शरीर में स्थित सात चक्रो से प्राप्त ऊर्जा उसे भौतिक शरीर में बांटती है। चक्रो से सम्बंधित रंगो एवं उनके बीज़ मंत्रो के सही संयोजन से सम्बंधित रोगो का उपचार संभव है। अनियंत्रित चनो का हीलिंग करके शरीर का स्वस्थ्य व ऊर्जावान बनाये रख सकते है।

पहला चक्र मूलाधार चक्र होता है यह मेरुदंड की अंतिम हड्डी या गुदाद्वार के पास होता है, इसका रंग लाल होता है। शरीर में इसकी स्थिति रीढ़ का स्थान है, इसका बीज़ मन्त्र "लं " है।

दूसरा चक्र स्वाधिष्ठान चक्र होता है यह पेट के पास होता है, इसका रंग नारंगी होता है। शरीर में इसकी स्थिति पेट का स्थान है, इसका बीज़ मन्त्र "वं" है।

तीसरा चक्र मणिपुर चक्र होता है यह नाभि के ऊपर होता है, इसका रंग नारंगी होता है। शरीर में इसकी स्थिति नाभि के ठीक पीछे रीढ़ की हड्डी है, इसका बीज़ मन्त्र " रे" है।

चौथा चक्र अनाहत चक्र होता है यह हृदय के बीच में होता है, इसका रंग हरा होता है। शरीर में इसकी स्थिति रीढ़ की हड्डी है, इसका बीज़ मन्त्र " यं" है।

पांचवा चक्र विशुद्धि चक्र होता है यह गले में होता है, इसका रंग नीला होता है। शरीर में इसकी स्थिति सभी चक्रो के मध्य है, इसका बीज़ मन्त्र " हं " है।

छठा चक्र आज्ञा चक्र होता है यह भौहो के मध्य में होता है, इसका रंग हल्का नीला होता है। शरीर में इसकी स्थिति नेत्रों के मध्य है, इसका बीज़ मन्त्र" उ " है।

सांतवा चक्र सहस्त्रार चक्र होता है यह सिर के ऊपर होता है, इसका रंग बैंगनी होता है। शरीर में इसकी स्थिति मस्तिष्क के ऊपरी हिस्से के मध्य है, इसका बीज़ मन्त्र ॐ है।

राधारमण एस्ट्रो में चक्र हीलिंग ऊर्जा संरेखण की दिशा में एक कदम-दर-कदम यात्रा है

राधारमण एस्ट्रो में चक्र उपचार प्रक्रिया

1. प्रारंभिक परामर्श
आचार्य योगेश शर्मा ग्राहक की शारीरिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक स्थिति को समझने के लिए एक विस्तृत चर्चा से शुरुआत करते हैं।
2. आभा स्कैनिंग
चक्रों में ऊर्जा रुकावटों और असंतुलन की पहचान करने के लिए उन्नत आभा स्कैनिंग तकनीकों का उपयोग किया जाता है।
3. अनुकूलित उपचार योजना
एक वैयक्तिकृत योजना बनाई जाती है, जिसमें ध्यान, दृश्य, क्रिस्टल थेरेपी और ग्राहक की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप पुष्टि शामिल होती है।
4. ऊर्जा समाशोधन सत्र
निर्देशित सत्रों के माध्यम से, आचार्य जी रुकावटों को दूर करने और ऊर्जा प्रवाह को फिर से जीवंत करने के लिए रेकी, जप और श्वास क्रिया जैसी तकनीकों का उपयोग करते हैं।
5. अनुवर्ती मार्गदर्शन
ग्राहकों को उनके दैनिक जीवन में चक्रों को संतुलित बनाए रखने, दीर्घकालिक सामंजस्य सुनिश्चित करने के लिए उपकरण और अभ्यास प्राप्त होते हैं।

चक्र उपचार के लाभ

शारीरिक कल्याण

चक्र संरेखण शरीर के प्राकृतिक ऊर्जा प्रवाह को बहाल करके सिरदर्द, थकान और पाचन विकारों जैसी बीमारियों को कम करता है।

भावनात्मक संतुलन

भावनात्मक संतुलन उपचार भावनात्मक स्थिरता को बढ़ावा देता है, जिससे व्यक्तियों को चिंता, तनाव और अनसुलझे आघातों से उबरने में मदद मिलती है।

उन्नत अंतर्ज्ञान

एक संतुलित तृतीय नेत्र चक्र अंतर्ज्ञान को तेज करता है, जिससे बेहतर निर्णय लेने और आध्यात्मिक विकास होता है।

बेहतर रिश्ते

एक सामंजस्यपूर्ण हृदय चक्र करुणा और सहानुभूति को बढ़ावा देता है, व्यक्तिगत और व्यावसायिक संबंधों को मजबूत करता है।

आध्यात्मिक ज्ञान

क्राउन चक्र को सक्रिय करना व्यक्तियों को उच्च चेतना से जोड़ता है, उद्देश्य और शांति की भावना को बढ़ावा देता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

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